डॉ. पुनीत धवन ने मुझे जीवित कर दिया

नमस्कार, मेरा नाम सुरजीत चड्ढा है और मैं हरियाणा के अम्बाला कैंट का रहने वाला हूँ। मैं बीते कुछ सालों से शुगर की बीमारी से जूझ रहा था जिसकी वजह से करीब चार साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी। किडनी खराब होने की वजह से मुझे कई शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ा था और उनसे छुटकारा पाने के लिए मैंने कई महीनों तक दवाएं खाई और डायलिसिस भी करवाया। डॉक्टर का मुझसे साफ कहना था कि डायलिसिस करवाने से मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, उल्टा हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि बचने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही थी। जब डायलिसिस से कोई आराम नहीं मिला तो डॉक्टर ने मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कह दिया था। पर उस दौरान अगर मैंने अपने दोस्त की बात मानते हुए डायलिसिस छोड़ डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू नहीं किया होता तो शायद आज मैं जीवित भी नहीं होता। पर आज मैं डॉ. पुनीत धवन की वजह से मेरी किडनी एक दम ठीक है और मैं एक स्वस्थ जीवन जी रहा हूँ।

मुझे शुगर की बीमारी हमेशा से नहीं थी, ये बीमारी मुझे किडनी खराब होने के कुछ साल पहले से ही हुई थी। मैं मीठा खाने का बहुत ज्यादा शौक़ीन था जिसकी वजह से मेरे ब्लड में शुगर का अमाउंट लगातार बढ़ता जा रहा था। एक बार जब मेरी तबियत ज्यादा खराब हो गई तो डॉक्टर ने मुझे कुछ टेस्ट करवाने के लिए कहा। मैंने सभी टेस्ट करवाए और तब मुझे पता चला कि मुझे शुगर की बीमारी हुई और फ़िलहाल इसकी शुरुआत हुई है। डॉक्टर ने मुझे उसी समय से डाइट में कई बदलाव करने की सलाह दी ताकि मेरा शुगर लेवल आगे ना बढ़े। शुरू-शुरू में तो मैंने डॉक्टर की बातों पर ध्यान दिया जिससे मुझे काफी आराम भी मिला, लेकिन धीरे-धीरे मैं काफी लापरवाह हो गया जिसकी वजह से मेरा शुगर लेवल काफी बढ़ गया। जिसको देखते हुए डॉक्टर ने मुझे डाइट के साथ-साथ दवाएं लेने के लिए कहा। अब मैं अपने खाने पीने का ध्यान तो रख ही रहा था साथ में मैं दवाएं भी ले रहा था जो कि काफी फायदेमंद साबित हुआ। उस दौरान मुझे लगा जब दवाएं लीं से मेरा ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल में हो ही रहा है तो मैं क्यों कि खाने पीने में काबू करू और मेरी यही ग़लतफ़हमी मुझ पर भरी पड़ गई।

मैंने धीरे-धीरे खाने पीने में किये बदलावों को अपनाना बंद कर दिया जिसकी वजह से शुगर लेवल इतना बढ़ गया कि डॉक्टर ने मुझे इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने के लिए कह दिया। मैंने डॉक्टर के कहने पर इन्सुलिन लेने तो शुरू कर दिए पर फिर से खाने पीने में कोई बदलाव नहीं किये और इसी वजह से मेरी किडनी जल्द ही खराब हो गई।जब मेरी किडनी खराब होना शुरू हुई तो मुझे सबसे पहले पेशाब से जुड़ी हुई समस्या ही होने लगी थी जो कि अक्सर मुझे पहले हो जाती थी जिसकी वजह से मैंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। पेशाब की समस्या के अलावा मेरे शरीर के कई हिस्सों में सूजन आने लग गई थी, जिसकी वजह से मुझे चलने-फिरने में काफी तकलीफ होने लगी थी।तेज बुखार रहने लगा था, दिन भर में कई बार उल्टियाँ आने लगी थी और भूख लगातार कम होती जा रही थी, जिसके कारण मैं लगातार कमजोर होता जा रहा था। दवाएं लेने पर भी इन सभी शारीरिक समस्याओं में रत्ती भर का भी आराम ना मिलने की वजह से मेरी तबियत पहले से और ज्यादा खराब होती जा रही थी।

Kidney Disease Ayurvedic Treatment

इस दौरान मेरी हालत ऐसी हो चुकी थी कि मुझे अपने हर काम के लिए दूसरे व्यक्ति की सहायता चाहिए होती थी और इसी हालत के कारण डॉक्टर ने मुझे हॉस्पिटल में एडमिट कर लिया। हॉस्पिटल में एडमिट होने के बाद डॉक्टर ने मेरी हालत को देखते हुए मुझे कई टेस्ट करवाने की सलाह दी। मैंने डॉक्टर के कहने पर सारे टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें डॉक्टर को दिखाया जिन्हें देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि ज्यादा मीठा खाने यानि शुगर की वजह से मेरी किडनी खराब हो गई है। डॉक्टर ने मुझसे कहा कि अब मुझे ठीक होने के लिए डायलिसिस करवाना होगा।मैं डॉक्टर की ये बातें सुनकर काफी डर गया और मैंने उसी दिन से डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया। मैंने साल भर तक लगातार हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाया, लेकिन इससे मेरी तबियत में कोई सुधार नहीं आया ऊपर से मेरा लाखों रुपया बर्बाद हो गया। अब डॉक्टर मुझे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की सलाह देने लगे थे, जिसका खर्च उठाना मेरे बस से बाहर की बात थी। अब मैं मान चूका था कि अब मेरे बचने की कोई उम्मीद बाकी नहीं है और फिर मैंने बाकी के बचे हुए दिन बस डायलिसिस के सहारे जीने का मन बना लिया, क्योंकि अब इसके सिवाए मेरे सामना दूसरा कोई चारा नहीं था। लेकिन इन्हीं दिनों में मेरे एक रिश्तेदार ने मुझे दिल्ली के कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल से आयुर्वेदिक उपचार लेने की सलाह दी। उन्होंने मुझे बताया कि यहाँ पर बिना डायलिसिस के ही खराब हुई किडनी को ठीक किया जाता है।

मैंने अपने रिश्तेदार की बात मानी और कर्मा आयुर्वेदा चला गया जहाँ मेरी मुलाकात हॉस्पिटल एक निदेशक डॉ. पुनीत धवन से हुई। मैंने डॉ. पुनीत धवन को अपनी रिपोर्ट्स दिखाई, जिनको अच्छे से देखने के बाद डॉ. पुनीत धवन ने मुझसे कहा कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा बस सही टाइम पर दवाएं लेनी होगी और डाइट का खास ख्याल रखना होगा, इसी से मेरी किडनी बहुत जल्द ही ठीक हो जायगी और मुझे डायलिसिस की भी कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। मैंने घर जाते ही ठीक होने की उम्मीद में डॉ. पुनीत धवन की सभी बात मानते हुए दवाएं लेनी शुरू कर दी और उनका दिया हुआ डाइट प्लान भी फॉलो करना शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक दवाएं लेने से मुझे कुछ ही महीनों में अपने अंदर काफी सुधार नज़र आने लगे, जैसे पेशाब से जुड़ी समस्याएँ खत्म होने लगी, भूख लगने लगी, ब्लड प्रेशर काबू में आने लगा और उल्टियाँ भी आनी बंद हो गई। सबसे बड़ी बात ये थी कि अब मेरा शुगर लेवल काबू में आने लगा था जो कि मेरी किडनी ठीक होने की ओर सबसे बड़ा इशारा था। मुझे महीने भर में ही सारी समस्याओं से छुटकारा मिलने लगा और मैं कुछ ही महीनों में मेरी खराब हुई किडनी एक दम ठीक हो गई, जिसकी मैं उम्मीद भी छोड़ चूका था। अगर आज मैं जिन्दा हूँ तो केवल डॉ. पुनीत धवन के कारण, नहीं तो डायलिसिस की वजह से तो मैं कब का मर चूका होता।

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